फरेब

 

नकाब ए हमदर्दी  के फरेब से लोग दर्द बढ़ाते गये
हम हर बार मुसकुरा कर खुशी से हाथ बढ़ाते गये !

abdul hakim

Comments

Popular posts from this blog

भूले बिसरे रिश्ते

सिर्फ एक बार